गांदरबल हमले पर फारूक अब्दुल्ला की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- ‘कश्मीर पाकिस्तान कभी नहीं बनेगा’
अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, चाहे जितनी भी गोलियां चलाई जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि कश्मीर की स्थिति भी गाजा जैसी हो सकती है अगर विवादों का समाधान शांति और संवाद से नहीं किया गया।
हमले में डॉक्टर सहित सात मजदूरों की मौत हो गई, जिसके बाद अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया और इसे बंद करने की अपील की।
जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में हुए आतंकी हमले के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "कश्मीर पाकिस्तान कभी नहीं बनेगा।" इस हमले में डॉक्टर सहित सात मजदूरों की मौत हो गई, जिसके बाद अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया और इसे बंद करने की अपील की। उनका कहना था कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांति और बेहतर संबंध चाहता है, तो उसे आतंकवादी गतिविधियों को रोकना होगा।
अब्दुल्लाह ने पाक को दी चेतावनी
अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, चाहे जितनी भी गोलियां चलाई जाएं। उन्होंने आतंकवादियों को "दरिंदे" कहा और उनसे मुकाबला करने का आह्वान किया। उनका यह बयान उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश था, जो कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि कश्मीर की स्थिति भी गाजा जैसी हो सकती है अगर विवादों का समाधान शांति और संवाद से नहीं किया गया। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि कश्मीर की जनता को इन आतंकवादियों का मजबूती से सामना करना होगा, क्योंकि यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा कभी नहीं बनेगा।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ संवाद शुरू करना चाहिए। अगर दोनों देशों के बीच बात नहीं होती है, तो कश्मीर में हालात और बिगड़ सकते हैं। फारूक अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं, और भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी उच्च स्तर पर है।
इस हमले ने घाटी में सुरक्षा और शांति की स्थिति को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है, और अब्दुल्ला के इस कड़े बयान से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं का रुख इस मुद्दे पर दृढ़ है। उनका यह बयान स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर गंभीरता से लिया जा रहा है, क्योंकि इसमें न केवल आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश है, बल्कि भारत की अखंडता को बनाए रखने का भी दृढ़ संकल्प है।
यह घटना एक बार फिर यह रेखांकित करती है कि कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब बाहरी तत्व इसमें दखल देते हैं। अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान अपने दृष्टिकोण में बदलाव नहीं करता, तो इसके परिणामस्वरूप गंभीर अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।